Finding Her Song Lyrics by Bharath, Kushagra, and Saaheal

Finding Her Song Lyrics by Bharath, Kushagra, and Saaheal




Hmm, जानाँ, तू आता नहीं

सपनों से जाता नहीं

मिल जाए, क्या ही बात थी

कामिल हो जाता वहीं

जानाँ, मेरे सवालों का मंज़र तू

हाँ, मैं सूखा सा, सारा समंदर तू

हाँ, गुलाबी सी सुर्ख़ी जो दिखती थी

फिर से दिख जाए तो जी-भर के ਸਾਹ भर लूँ

काटी कितनी थीं रातें, नहीं सोया मैं

तुझको कितना बुलाया, फिर रोया मैं

तेरी सारी वो बातें क्यूँ सोने नहीं देती?

सताए मुझे, हाँ, फिर खोया मैं

तू आता नहीं

सपनों से जाता नहीं

मिल जाए, क्या ही बात थी

कामिल हो जाता वहीं

जो भी हो राज़ तेरा

मुझको बताता नहीं

मिल जाए, क्या ही बात थी

कामिल हो जाता वहीं

सँभाल के रखा वो फूल मेरा तू

मेरी शायरी में ज़रूर रहा तू

जो आँखों में प्यारी सी दुनिया बसाई

वो दुनिया भी था तू, वो लम्हा भी था तू

हाँ, लगते हैं मुझको ये क़िस्से सताने

देता ना दिल मेरा तुझको भुलाने

अधूरे से वादे, अधूरी सी रातें

अब हिस्से में दाख़िल मेरी बस वो यादें

रहना था बन के हमदम तेरा

ऐसे जाना ही था, फिर तू क्यूँ ठहरा?

अब ना माने मेरा दिल कि ना तेरे क़ाबिल

थी इक आरज़ू कि मैं कहता रहा, पर

तू आता नहीं

सपनों से जाता नहीं

मिल जाए, क्या ही बात थी

कामिल हो जाता वहीं

जो भी हो राज़ तेरा

मुझको बताता नहीं

मिल जाए, क्या ही बात थी

कामिल हो जाता वहीं


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